Sunday 22 January 2012

'अलविदा 2011 !!'

'अलविदा 2011 !!'

जाते-जाते तुम मेरे चेहरे पर जो यह महीन झुर्री उकेर गए हो
साक्षी है, यह उन तमाम अनुभवों की
जो तुम अपने साथ मुठ्ठी में लाए थे और
जिन्हें अब मैंने अपने बटुए में सहेज लिया है
पुरानी पर्चियों की तरह

---ऋतुपर्णा मुद्राराक्षस

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